साल 2025 इन पांच नेताओं के लिए बना "ग्रहण"!
नए साल की शुरुआत के साथ ही कुछ नेताओं के लिए मुश्किल भरे पल की शुरुआत भी हो चुकी है। यह साल उनके लिए बहुत ही दुखदाई होने वाला है। क्योंकि इनकी गलतियों की वजह से इनके सपने चकनाचूर होने की कगार पर है।
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2025 बना "ग्रहण" |
आज से नए साल 2025 की शुरुआत हो गई है देश जश्न के माहौल में डूबा हुआ है। पिछला साल 2024 राजनीति के लिहाज से भी बड़ा अहम साबित हुआ खासकर बीजेपी के लिए लोकसभा चुनाव में पार्टी को सीटें कम आई लेकिन पीएम मोदी ने लगातार तीसरी बार देश की कमाल संभाली जिससे विपक्ष की बेचैनी बढ़ गई।
महाराष्ट्र और हरियाणा में बढाई बीजेपी की हिम्मत:
जिस तरह से महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और हरियाणा में पार्टी ने अपना परचम लहराया उससे तो विपक्ष की जमकर चिल्लम चिल्ली भी मचाई लेकिन इसका कुछ फायदा नहीं हुआ। महाराष्ट्र और हरियाणा की जीत से भाजपा ने अपना खोया हुआ आत्मविश्वास फिर से प्राप्त कर लिया है। जिससे विपक्ष बैचेन है।
गलतियों से सीख नहीं ले रहा विपक्ष:
अपनी गलतियों से सीखने के बजाय विपक्ष ने बहाने बनाने शुरू कर दिए। जो उनके लिए बड़ी मुसीबत बनता दिख रहा है। कुछ नेताओं का करियर भी खत्म होने की कगार पर पहुंच गया है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि कौन है? वोह नेता जिनके राजनिक करियर पर 2025 में खतरा मंडरा रहा है।
इन पांच नेताओं के राजनीतिक कैरियर पर 2025 में संकट के बादल चरम पर है:
- अरविंद केजरीवाल
- तेजस्वी यादव
- उद्धव ठाकरे
- शरद पवार
- राहुल गांधी
इन 5 नेताओं के लिए यह साल 2025 "करो या मरो" मतलब "DO OR DIE" जैसा है। यदि यह नेता समय से पहले अपनी राजनीतिक पार्टियों को संभालने में सफल नहीं हुई तो इनका राजनीतिक कैरियर का अंत दिसंबर 2025 तक होना निश्चित लग रहा है।
साल 2025 केजरीवाल:
यदि अरविंद केजरीवाल इस बार जनवरी-फरवरी तक होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में सरकार नहीं बना पाए या फिर बहुमत नहीं ला पाए तो उनका राजनीतिक कैरियर पंजाब और दिल्ली में खत्म हो सकता है। केजरीवाल पर कई तरह के घोटालों का आरोप लगा है। जिसके चलते अरविंद केजरीवाल के लिए साल 2025 राजनीति के लिहाज से शुभ नहीं दिख रहा है।
साल 2025 तेजस्वी यादव:
यदि तेजस्वी यादव इस बार भी बिहार के मुख्यमंत्री नहीं बन पाए तो उनका राजनीतिक कैरियर अंधकार की ओर जाता हुआ दिखाई दे रहा है। इस बार बिहार में विपक्ष की भूमिका में प्रशांत किशोर की पार्टी "जन सुराज" भी मैदान में हैं। जिसके कारण इस बार बिहार के चुनाव में त्रिकोणीय और चतुष्कोणीय संघर्ष देखने को मिल सकता है। जिससे राष्ट्रीय जनता दल का वोट बैंक खिसक सकता है।
साल 2025 उद्धव ठाकरे और शरद पवार:
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजों ने महा विकास अघाड़ी के दोनों सहयोगी उद्धव ठाकरे और शरद पवार की राजनीति का लगभग सफाया कर दिया है। यदि उद्धव ठाकरे 2025 में होने वाले मुंबई महानगरपालिका बीएमसी के चुनाव में भी हार जाती है तो उद्धव ठाकरे अपनी पार्टी को नहीं बचा पाएंगे।
पार्टी में बड़ा विद्रोह होगा, पार्टी पूरी तरह से टूट जाएगी, बिखर जाएगी, पार्टी के भविष्य की राजनीति के द्वार बंद होने की कगार पर आ जाएंगे। यही हाल शरद पवार का भी है। लगभग 2 साल पहले अजीत पवार (शरद पवार के भतीजे) इन्होंने 40 से ज्यादा विधायकों को तोड़कर चाचा शरद पवार की पार्टी पर कब्जा कर लिया। और चुनाव आयोग ने उन्हें पार्टी का सिंबल और नाम भी दे दिया। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उन्होंने शरद पवार की पार्टी NCP(SP) को धूल चटाई। अजीत पवार ने शरद पवार की पार्टी को लगभग समाप्त कर दिया है।
साल 2025 राहुल गांधी:
नेशनल हेराल्ड हो या दो-दो देशों की नागरिकता गांधी परिवार और राहुल गांधी दोनों ही मुद्दों पर हमेशा क्लीन बोल्ड हो जाते हैं। साल 2025 से 2029 तक केवल केरल और पंजाब में ही कांग्रेस की सरकार आने की प्रबल संभावना है।
वर्तमान में कांग्रेस की तीन राज्यों में सरकार है। कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश तीनों ही सरकार अगले चुनाव तक इतनी अलोकप्रिय हो जाएंगी कि इनका वापस आना लगभग असंभव हो जाएगा। मतलब राहुल गांधी की राजनीतिक पारी का अंत शुरू होने से पहले ही हो जाएगा।