उपराज्यपाल के एक्शन से आम आदमी पार्टी हुई हक्का-बक्का!
दिल्ली में फरवरी-मार्च तक दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल रहेगा और इस दौरान दिल्ली में विधानसभा चुनाव संपन्न होंगे। लेकिन विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान अब तक नहीं हुआ है। हालांकि चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले ही सत्तारूढ़ दल आम आदमी पार्टी ने सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए अपने 70 प्रत्याशी मैदान में उतार दिए हैं।
![]() |
केजरीवाल बुरे फंसे |
फर्जी घोषणा से फंसे केजरीवाल:
2025 फरवरी-मार्च में होने वाले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की सरकार जाती हुई देख आम आदमी पार्टी के कन्वीनर अरविंद केजरीवाल ने चुनाव की घोषणा पहले हर महिला को जिनकी उम्र 18 साल से ज्यादा है उन सभी को ₹2100 प्रति माह देने का वादा किया था। हालांकि इस योजना का भंडाफोड़ खुद आतिशी सरकार के सीएमओ ने किया।
LG ने दिया फर्जी योजना के खिलाफ जांच के आदेश:
आम आदमी पार्टी के कन्वीनर और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बहुत सारी मुसीबतो में फंस गए हैं। शराब घोटाले से लेकर दिल्ली जल बोर्ड घोटाले तक हर मामलों की जांच अब शुरू होने का नाम ले रही है। इससे अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कई गुना बढ़ चुकी है माना जा रहा है यदि केजरीवाल दिल्ली विधानसभा चुनाव जीत भी लेते हैं तब भी मुख्यमंत्री नहीं बन पाएंगे और यदि मुख्यमंत्री बन भी गए तो सरकार नहीं चला पाएंगे यदि ऐसा हुआ तो 2025 में केजरीवाल की गिरफ्तारी फर्जी ₹2100 प्रति माह योजना में भी हो सकती है।
‼️ सावधान दिल्ली ‼️
— BJP Delhi (@BJP4Delhi) December 26, 2024
दिल्ली में आम आदमी पार्टी, महिला सम्मान और संजीवनी योजना के नाम पर फर्जी योजना चला रही है। ऐसी किसी योजना का दिल्ली में कोई नामोनिशान नहीं है। इसलिए रजिस्ट्रेशन के नाम पर अपनी कोई भी निजी जानकारी शेयर न करें। आपके साथ फ्रॉड हो सकता है।
जनहित में जारी !… pic.twitter.com/DdZkwgUoan
गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी जिसने शीला दीक्षित के नेतृत्व में 15 साल दिल्ली में सरकार चलाई। उसने अब तक केवल 47 सीटों के लिए ही अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया है। हालांकि 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का दिल्ली में खाता तक नहीं खुला था। 2015 और 2020 दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 70 सीटों में से 0 सीटे मिली।
लेकिन अब तक प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने किसी भी विधानसभा सीट पर अपने प्रत्याशियों के नाम पर मूहर नहीं लगाई है।
राजनीतिक पंडितों के अनुसार यदि कांग्रेस दिल्ली विधानसभा चुनाव में अबकी बार 6 से 7% वोट अधिक प्राप्त कर लेती है तो आम आदमी पार्टी की सरकार का अंत हो सकता है। जिसके कारण अरविंद केजरीवाल का सियासी सफर खत्म होने की कगार पर पहुंच सकता है। यदि आम आदमी पार्टी दिल्ली हार जाती है तो पंजाब में भी आम आदमी पार्टी का हारना लगभग तय माना जा रहा है।