सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को अपना महाफैसला सुनाया:
सुप्रीम कोर्ट के महाफैसले के बाद अब शिंदे गुट की परेशानियां कम होते दिख रही है। वहीं दूसरी तरफ (एमवीए) गठबंधन की प्रमुख विपक्षी पार्टी NCP (एनसीपी) अब परेशानियों में गिरती नजर आ रही है।
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क्या करेंगे पवार? |
पिछले काफी दिनों से अजित पवार के बीजेपी में शामिल होने की खबरें सामने आ रही थी। लेकिन शरद पवार ने अपने इस्तीफे का नाटक करके पार्टी में कथित रूप से चल रही बगावत को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया है। लेकिन यह कब तक करेंगे? यह कह पाना मुश्किल है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले एनसीपी नेता जयंत पाटील को ED का समन मिलना, शरद पवार की परेशानियां बढ़ा सकता है। उनकी पार्टी में कई लोगों पर घोटाले के मामले चल रहे हैं, घोटाले के मामले में खुद एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार और उनका पूरा परिवार फसता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से शिंदे की परेशानियां कम और शरद पवार की परेशानियां ज्यादा होने जा रही है।
महाराष्ट्र और देश की राजनीति को हिला देने वाला सुप्रीम कोर्ट का महाफैसला:
आखिर क्या है महाफैसला?
पिछले साल महाराष्ट्र में शिवसेना के कद्दावर नेता और वर्तमान में महाराष्ट्र सरकार में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना से बगावत कर, उद्धव ठाकरे के गुट के 55 में से 40 विधायकों का समर्थन हासिल करके महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई।
उद्धव ठाकरे के गुट से टूटे हुए 40 विधायकों में से 16 विधायकों पर चल रहे अयोग्यता के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे गुट को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल के बहुमत परीक्षण के आदेश पर कई तरह के सवाल उठाए हैं साथ ही साथ एकनाथ शिंदे का शिवसेना गटनेता पद और शिवसेना का चीफ व्हिप भरत गोगावले की नियुक्ति को असंवैधानिक बताया है।
लेकिन कोर्ट ने यह भी कहा कि राज्यपाल के आदेश का पूरी तरह से पालन नहीं हुआ। तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बहुमत परीक्षण का आदेश दिया था लेकिन उद्धव ठाकरे ने बहुमत परीक्षण से पहले ही अपना त्यागपत्र यानी कि इस्तीफा दे दिया इसीलिए हम उनकी सरकार को फिर से बहाल नहीं कर सकते। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि हम शिंदे गुट के 16 विधायकों को अयोग्य नहीं कर सकते क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के पास यह अधिकार नहीं है यह अधिकार केवल और केवल विधानसभा के अध्यक्ष को है।
इसीलिए सुप्रीम कोर्ट ने 16 विधायकों के अयोग्यता वाले मामले को वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष और बीजेपी नेता राहुल नार्वेकर को दिया है। राहुल नार्वेकर जब चाहे अपना फैसला सुना सकते हैं उन पर किसी भी तरह का कोई भी दबाव विपक्षी दल नहीं बना सकते।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे और भाजपा सरकार को अभयदान मिल गया।
वैभव राठोड,
संपादक (News Tak Bharat)