2024 के चुनाव से पहले एक बार फिर पलटी मारेंगे नीतीश !
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पाला बदलने में, इधर से उधर जाने में, गठबंधन बदलने में माहिर माने जाते हैं। नीतीश कुमार को बिहार की राजनीति में पलटूचाचा के नाम से जाना जाता है। नीतीश कुमार कभी भी पलटी मार सकते हैं। आखिर किस कारण से बिहार के लोग, पत्रकार और पॉलिटिकल पंडित आकलन कर पा रहे हैं कि चाचा नीतीश कभी पलटी मार सकते हैं, कभी भी मतलब एक–दो महीने के भीतर बिहार में खेला कर सकते है नीतीश!
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जेल जाएंगे लालू तेजस्वी पलटी मारेंगे नीतीश ! |
जानिए क्या है वजह?
1) नीतीश कुमार का प्रधानमंत्री बनने का सपना किसी से छुपा नहीं है नीतीश कुमार इस सपने को पूरा करने के लिए कांग्रेस के साथ और बाकी विपक्षी पार्टी के साथ मिलकर 'INDIA' नामक एक बेमेल गठबंधन बनाया जिसका धरातल पर कोई भी असर नहीं है। महज चाय की पार्टी के लिए प्रचलित है। इस गठबंधन की तीन से चार बार बैठक हो चुके हैं लेकिन इस गठबंधन का कोई भी कन्वीनर, सीट शेयरिंग फॉर्मूला और प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार अबतक तय नहीं हुआ है।
जबकि लोकसभा चुनाव में महज 3 महीनो का वक्त है 3 महीने के भीतर कभी भी चुनाव आयोग चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है और देश में आदर्श आचार संहिता लग सकती है।
19 दिसंबर को हुई बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संस्थापक अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम एक दलित प्रधानमंत्री के रूप में पेश किया। जिससे कयास लगाए जा रहे हैं कि नीतीश कुमार का इंडिया गठबंधन का कन्वीनर और प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने का सपना टूट गया जिस कारण से नीतीश कुमार कभी भी पाला बदल सकते हैं इसकी संभावना बहुत ज्यादा है।
2) कर्नाटक में नीतीश की हुई घोर बेज्जती : नीतीश कुमार को पता है कि कर्नाटक में उनकी घोर बेज्जती और पोस्टर में उनका मजाक राहुल गांधी के कहने पर कांग्रेस के कर्नाटक उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने करवाया जिसके कारण नीतीश कुमार कांग्रेस से नाराज है।
3) JDU सांसदों की नाराजगी : कयास तो यह भी लगाया जा रहा हैं कि यदि नीतीश कुमार राजद (RJD) से अलग नहीं हुए तो JDU से कई विधायक और सांसद पार्टी को छोड़ सकते है और भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं।
4) तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद यादव की जेल जाने की संभावना : तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद यादव की जेल जाने की संभावना प्रबल है। लालू प्रसाद यादव जमानत पर स्वास्थ्य कारणों की वजह से बाहर है। माना जा रहा है कि एक महीने के भीतर लालू प्रसाद यादव फिर से एक बार जेल का रूख कर सकते हैं। जबकि तेजस्वी यादव को भी ED का समन आ चुका है। जिसकी वजह से तेजस्वी यादव पर भी जेल जाने की नौबत आ चुकी है और उनके राजनीतिक कैरियर पर ED का फंदा कसता हुआ नजर आ रहा है।
जिसके कारण बेदाग नीतीश दागदार हो सकते हैं। इसलिए राजद (RJD) से अलग हो सकते।
5) पार्टी का प्रदर्शन सुधारना : माना जा रहा है कि यदि नीतीश कुमार INDIA गठबंधन में रहते हैं तो उनकी पिछली बार से कम सीटे विधानसभा और लोकसभा आ सकती है। जिसके कारण पार्टी का जनाधार सिमट सकता है इससे बचने के लिए नीतीश कुमार फिर एक बार बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना सकते हैं।
6) राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव की नीतीश कुमार को नीचा दिखाना और नीतीश कुमार का राजनीतिक अंत करने की संभावना नीतीश कुमार भाप चुके है, लेकिन इस बार भारतीय जनता पार्टी नीतीश को अपने साथ लेने को राजी नहीं है जिसके कारण नीतीश कुमार अपने राजनीतिक कैरियर के सबसे दुख भरे दौर से गुजर रहे हैं।
अब देखना यह है कि चाचा नीतीश इस बार किस प्रकार से पलटी मारते हैं और पलटीकुमार साबित होते।
वैभव राठोड,
संपादक (News Tak Bharat)