आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने दिया विपक्ष को जोरदार झटका !
इतना बड़ा झटका की राहुल सदमे में जब से 2024 लोकसभा के नतीजे आए हैं। तब से ही विपक्ष कयास लगाकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और TDP के प्रमुख और आंध्र प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की ओर देख रहे थे।
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विपक्ष मायूस और परेशान |
TDP और JDU पर क्यों विपक्ष की नजर:
विपक्ष को लगा कि यह दोनों पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) और तेलुगु देसम पार्टी (TDP) यह दोनों पार्टी कभी भी एनडीए का साथ छोड़ देगी और मोदी सरकार गिर जाएगी और इन दोनों का समर्थन लेकर और राहुल या फिर विपक्ष या कोई और प्रधानमंत्री बन जाएगा लेकिन चंद्रबाबू नायडू ने ऐसा दाव चला की आंध्र प्रदेश के हिंदुओं में खुशी की लहर और विपक्ष की विदेशी अंग्रेजरूपी जोड़ो-तोड़ो की राजनीति पर लगा ताल
चंद्रबाबू नायडू के इन फैसलों से विपक्ष हैरान और परेशान है:
- 87 हजार एकड़ मंदिरों की जमीनों को वापस लाने का आदेश
- किसी भी हिंदू मंदिर में गैर हिंदू मतलब जो हिंदू धर्म का नहीं हैं। (मुस्लिम, ईसाई और अन्य धर्म के लोग) जो गैर हिंदू है उसे मंदिर में नियुक्त नहीं किया जाएगा।
- सरकार बनने के तुरंत बाद चंद्रबाबू नायडू ने वेंकटेश्वर मंदिर जाकर दर्शन किया और कहां "हिंदू सुरक्षा के लिए जो कुछ भी हो सकता है वह सब हम करेंगे हिंदुओ की रक्षा हम करेंगे यह हमारी प्राथमिकता है।
- आंध्र प्रदेश के हर मंदिर को जीर्णोधार के लिए 10-10 लाख रुपए की राशि प्रदान करना।
- आंध्र प्रदेश के मंदिरों के पुजारियों को 15 हजार रुपए हर महीने देना।
- नाई ब्राह्मणों को न्यूनतम मासिक वेतन 25 हजार रूपया दिया जाएगा।
- वेद विद्या प्राप्त करने वाले बेरोजगार युवाओं को 3 हजार का स्टाइपेंड दिया जाएगा।
- "धूम दीप" योजना के तहत जो छोटे मंदिर हैं बहुत छोटे मंदिर जहा पर इतना चढ़ावा नहीं आता कि जहां ठीक तरीके से पूजा नहीं की जा सकती या फिर भगवान को भोग लगाने में पैसों की दिक्कत हो, ऐसे सभी मंदिरों को 10 हजार रुपया महीना दिया जाएगा।
- ब्राह्मण और नाई ब्राह्मण को किया अधिक राजस्व वाले मंदिर ट्रस्ट बोर्ड में कंपलसरी : इसका मतलब मंदिर ट्रस्ट बोर्ड में एक ब्राह्मण और एक नाई ब्राह्मण सदस्य होने चाहिए।
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के सनातन समर्थक नीति और आदेशों कारण विपक्ष हैरान और परेशान हुआ जा रहा है।
धर्मांतरण पर TDP का मत:
चंद्रबाबू नायडू ने जबरन धर्मांतरण का सख्त विरोध किया और कहा, हम धर्मांतरण के खिलाफ है और हम हिंदुओं का या फिर किसी अन्य धर्म के लोगों का जबरन धर्मांतरण नहीं होने देंगे। धर्मांतरण को कैसे रोका जाए इस पर हमारी सरकार अग्रसर है। हमारा लक्ष्य है की हम आंध्र प्रदेश में जबरन धर्मांतरण का धंधा हमेशा के लिए बंद कर देंगे।
YSRCP का धर्मांतरण समर्थक रवैया:
यदि आप आंध्र प्रदेश से है तो आपको तो पता ही होगा कि पिछली सरकार के दौरान आंध्र प्रदेश में हिंदुओं की स्थिति क्या थी और अब थोड़ी सुधरने की ओर अग्रसर है और सुधारने की स्थिति में है।
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केवल आंध्र प्रदेश के लोग ही ज्यादा अच्छी तरह से समझ सकते हैं जो इस पोस्ट को पढ़ रहे होंगे। आंध्र प्रदेश में हर दिन धर्मांतरण होने के किस्से सामने आते थे। लोग चाहते थे कि सरकार कन्वर्जन के खिलाफ कुछ एक्शन ले, कुछ करें लेकिन सरकार बजाय इसके की कन्वर्जन का विरोध करें उसका समर्थन करने पर उतावली थी जगन मोहन रेड्डी की YSRCP सरकार
विपक्ष की बढ़ी चिंताएं:
चंद्रबाबू नायडू के फैसलों और निर्णयों से विपक्ष असहज और मायूस नजर आ रहा है। नायडू को देखकर तो लग नहीं रहा की नायडू मोदी का साथ छोड़ेंगे या फिर सनातन समर्थक अपना स्टैंड बदलेंगे।
अब नीतीश पर नजर:
अब विपक्ष की पूरी नजर चंद्रबाबू नायडू से हटकर केवल और केवल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आकर टिकी हुई है कि नीतीश कुमार क्या निर्णय लेते हैं? क्या नीतीश कुमार पीएम मोदी का पूरा कार्यकाल होने तक उन्हें समर्थन देते रहेंगे या फिर बीजेपी से समर्थन वापस लेकर विपक्ष की ओर रुक करेंगे इस पर सबकी नजर टिकी हुई है।
NDA के लिए खुशी की खबर:
सनातन समर्थक अपने फैसलों और निर्णय के कारण NDA सरकार हिंदुओं में फिर से लोकप्रिय बनती जा रही है। एनडीए से जो उसका कट्टर सनातनी समर्थक वोटर 2024 के लोकसभा चुनाव में थोड़ा सा नाराज चल रहा था। वह वोटर फिर से एनडीए के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है।