NCP और Congress ने दिया उद्धव ठाकरे को झटका! उद्धव ठाकरे का मुख्यमंत्री बनना अब लगभग असंभव हो गया है।
शरद पवार और कांग्रेस ने दिया उद्धव ठाकरे को झटका! MVA के सहयोगी दलों ने नहीं बताया कौन होगा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री या फिर मुख्यमंत्री का उम्मीदवार?
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उद्धव का पतन सुनिश्चित! |
लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन से MVA गदगद:
जब से लोकसभा चुनाव के नतीजे आए हैं तभी से महाराष्ट्र में MVA के तीनों सहयोगी दलों में बल्ले बल्ले की लहर चल पड़ी है और महाराष्ट्र में कुछ हफ्तों से कयासो का बाजार गर्म है। बहुत दिनों से ये कटकले लग रही थी कि महाराष्ट्र विकास आघाड़ी (MVA) अपना मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित करेगी। लेकिन शरद पवार और नाना पटोले ने कुछ ऐसा किया कि जिससे उद्धव ठाकरे हुए असहज
शरद पवार और नाना पटोले ने दिया उद्धव ठाकरे को झटका:
सुर्खियां बहुत थी लेकिन जब प्रिंट और डिजिटल मीडिया ने MVA के घटक दल में से दल कांग्रेस के नेता नाना पटोले और NCP (SP) सुप्रीमो शरद पवार से मुलाकात की तब उन्होंने इस बात का खंडन किया उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जो भी होगा वह चुनाव जीतने के बाद ही तय होगा। तीनों दल मिलकर चुनाव संपन्न हो जाने के बाद मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर मिल बैठकर चर्चा करेंगे और जब चर्चा पूरी होगी तब हम आपको अवगत कराएंगे लेकिन जब तक चुनाव नहीं हो जाते। उससे पहले हम महाराष्ट्र विकास आघाड़ी का कोई अधिकृत मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं होगा। चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का उम्मीदवार न घोषित करना यह उद्धव ठाकरे को शरद पवार और कांग्रेस ने दिया बड़ा झटका माना जाएगा।
मुश्किल होगा फिर से मुख्यमंत्री बनना:
शरद पवार और कांग्रेस ने एक तीर से कई निशाने साध लिए है। मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित न करके उद्धव की टेंशन बढ़ गई है यदि चुनाव के बाद महाराष्ट्र विकास आघाडी की सरकार बनने की कोई संभावना होती है तो उसे संभावना में यदि उद्धव ठाकरे की पार्टी को सबसे कम सीटें मिलती है तो उन्हें सबसे कम मंत्रालय मिल सकते हैं और सबसे महत्वपूर्ण पद मुख्यमंत्री मिलना एकदम ना के बराबर हो जाती है इसका मतलब है उद्धव ठाकरे का मुख्यमंत्री फिर से बनाना लगभग असंभव है। क्योंकि यदि शरद पवार या कांग्रेस उद्धव ठाकरे की पार्टी से ज्यादा सीटें जीत लेती है तो कांग्रेस या फिर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (SP) में से कोई सीएम होगा।
MVA में जा कर उद्धव को हुआ बहुत नुकसान:
उद्धव ठाकरे का कांग्रेस और एनसीपी के साथ हाथ मिलाना बहुत हानिकारक साबित हो रहा है जिस कारण उन्हें अपनी लोकप्रियता खोनी पड़ रही है और खुदकी उनकी अपनी पार्टी का वोटर भी उद्धव ठाकरे से किनारा कर रहा है।
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शिवसेना का कांग्रेसीकरण हुआ तो मैं शिवसेना नामक दुकान बंद कर दूंगा - आदरणीय हिंदू हृदय सम्राट श्रीमान बालासाहेब ठाकरे |
शिवसेना का असली वोट बैंक खिसकना:
जब तक हिंदू हृदय सम्राट आदरणीय बालासाहेब ठाकरे जीवित थे तब तक उनके निवास स्थान मातोश्री पर कभी भी मुस्लिम समाज लोगों ने धरना देने की हिम्मत नहीं की क्योंकि उन्हें पता था कि यह बालासाहेब ठाकरे है यह कट्टर हिंदू है यह कोई मुस्लिम समर्थक नेता नहीं या फिर कोई धर्मनिरपेक्ष नेता नहीं इसी कारण से और बालासाहेब ठाकरे के यह वचन तो आप जानते ही है कि यदि किसी दिन शिवसेवा का कांग्रेस हो गया तो मैं अपनी दुकान बंद कर दूंगा तो इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आदरणीय बालासाहेब ठाकरे की सोच कांग्रेस के प्रति और मुस्लिम मतों के पीछे क्या उनका समझ थी। बालासाहेब ठाकरे एक कट्टर हिंदुत्व आदि विचारधारा को बढ़ाने वाले इंसान थे शेर थे लेकिन उनके पुत्र उद्धव ठाकरे धर्मनिरपेक्ष नेता बन गए हैं जिसके कारण कुछ दिनों पहले मुस्लिम समाज के लोगों ने उनके घर पर धरना देकर उन्हें गद्दार कहा था तो इससे आप सोच सकते हो कि उद्धव ठाकरे के कितने बुरे दिन शुरू हो गए हैं।
उन्होंने अपने पिताजी स्वर्गीय हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे के सिद्धांतों को छोड़कर धर्मनिरपेक्ष या फिर मुस्लिम समर्थक जो नीति अपनाई है उसे उनके समर्थकों में घोर निराशा है जिसके कारण उन्हें लोकसभा चुनाव 2024 में भी सबसे ज्यादा सीटों पर लड़ने के बावजूद सबसे कम सीटों पर MVA में संतुष्टि करनी पड़ी थी। शिवसेना का मूल वोटर अब शिवसेना (UBT) से मुंह मोड़ चुका है। शिवसेना समर्थित वोटर अब राज ठाकरे और एकनाथ शिंदे के विचारधारा वाले शिवसेना और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की ओर जाता हुआ दिख रहा है जो उद्धव की टेंशन और बढ़ा रहा है।
लगता है उद्धव ठाकरे ने अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार दी है। महाराष्ट्र के मतदाता उद्धव ठाकरे को सबक सिखाएंगे या फिर से सत्ता पर बिठाएंगे यह तो अब चुनाव परिणामों के बाद ही पता चलेगा।